विल डीड इन हिंदी (Will Deed In Hindi) ,Proforma Of Will Deed In Hindi ,How To Make Will Deed In Hindi,Format Of Will Deed In Hindi ,Draft Of Will Deed In Hindi ,Will Deed In Hindi Format Drafting Of Will Deed In Hindi
वसीयत या इच्छा पत्र (Will Deed) अपनी संपत्ति का मालिकाना हक देने के लिए एक विधि घोषणा होती है , वसीयतकर्ता के मरने के बाद लागू होती है वसीयत में मालिकाना हक़ वसीयतकर्ता के मरने के बाद Beneficiary ही मिलता है,वसीयत चल और अचल सम्पत्ति कर सकता है , जो वसीयत करता है उसको वसीयत कर्त्ता कहते है जिस के पक्ष में वसीयत होता है उस को लाभकर्त्ता ( Beneficiary) कहते है
Table Contents
- 1 वसीयत की दो मुख्य विशेषताएं हैं वह इस प्रकार से है :-
- 1.1 Who is Capable of making a will? (Rule) (वसीयत कौन कर सकता है ?)
- 2 FAQ
वसीयत की दो मुख्य विशेषताएं हैं वह इस प्रकार से है :-
वसीयत वसीयतकर्ता के मरने के बाद ही प्रभाव में आती है जब तक वह जिंदा रहता है तब तक उस संपत्ति का मालिक वसीयतकर्ता होता है और उस संपत्ति को दूसरे किसी को ट्रांसफर कर सकता है वसीयतकर्ता जीवन काल में कभी भी वसीयत को रद्द कर सकता है या उस वसीयत को बदल सकता हैवसीयत को विधि के अनुसार ही होना चाहिए वसीयत वसीयतकर्ता किसी प्रकार की मानसिक बीमारी नहीं होनी चाहिए नही किसी प्रकार से दबाव जबरदस्ती नहीं होनी चाहिए ,अनुचित प्रभाव नहीं होना चाहिये
Who is Capable of making a will? (Rule) (वसीयत कौन कर सकता है ?)
कोई भी हिंदू जो स्वास्थ्य चित्त वाला होना चाहिए किसी भी प्रकार का मानसिक बीमारी नहीं होनी चाहिए वह अपने संपत्ति का वसीयत कर सकता है वयस्क होना चाहिए व्यस्क का मतलब है कि उसकी उम्र 18 वर्ष होनी चाहिए तभी एक वैध वसीयत लिख सकता है यदि आप हिंदू संयुक्त परिवार में रहते हैं तो आप अपने अंश का वसीयत पत्र लिख सकते हैं स एक हिंदू उत्तराधिकारी अधिनियम की धारा 30 के अंतर्गत कर सकता है
विल (Will) करने की शर्त क्या -क्या है ?
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- वसीयतकर्ता मानसिक स्वस्थ स्थिति में होना चाहिए
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- वसीयत के निष्पादन स्थान लिखे
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- वसीयतकर्ता की संपत्ति के सभी लाभार्थियों नाम और पता लिंखना होता है और कितना भाग हिस्सा दिया है
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- वसीयत विलेख अस्पष्ट और स्पष्ट भाषा में लिखें।
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- वसीयत विलेख निष्पादन की तिथि और स्थान का उल्लेख करें।
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- कोशिश करें कि किसी भी तरह के भ्रम से बचने के लिए तकनीकी भाषा का इस्तेमाल न करें।
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- वसीयत विलेख संपत्ति की नई वसीयत अलग-अलग पैराग्राफ में होनी चाहिए।
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- वसीयत विलेख रिक्त स्थान नहीं छोड़ें चाहिए।
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- वसीयत के पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेज?
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- वसीयतकर्ता की पासपोर्ट साइज फोटो होनी चाहिएवसीयतकर्ता के दो गवाह के Id Proof होना चाहियेवसीयतकर्ता का की Id Proof होनी चाहियेसी एमबीबीएस/एमडी डॉक्टर से वसीयतकर्ता का मानसिक स्वास्थ्य का प्रमाणपत्रमूल होना चाहिए
- वसीयत विलेख रिक्त स्थान नहीं छोड़ें चाहिए।
How To Register Will In India (विल विलेख को कैसे पंजीकरण करगे ?
वसीयत के पंजीकरण के लिए आवश्यक दस्तावेजवसीयत कर्त्ता की सम्पति में मालिकान हक होना चाहिए वसीयत कर्ता `वयस्क होना चाहिए अर्थ 18 वर्ष आयु पूरा कर है विल लिखित में होनी चाहिए विल में दो गवाह के हस्ताक्षर होना चाहिए किसी प्रकार मानसिक रोगी नहीं होना चाहिए ( उसके अच्छे एवं बुरे की स होनी चाहिए )वसीयत विल (Will Deed ) को पंजीतकृत (Registered) कर करना जरुरी है या नहीं विल विलेख को रजिस्ट्रेशन कर ने की अनिवार्य आवश्कता नहीं होती है आप की इच्छा पर निर्भर होता है की आप इसको रजिस्ट्रेशन करा सकते है Registration Act, 1908. के अनुसार Optional होता है, परन्तु मेरी सलाह की आप को रजिस्ट्रेशन करा लेंना चाहिए , पंजीतकृत से विलेख असली माना जाएगा विल विलेख पंजीतकृत करने से छेड़छाड़ नहीं कर सकते , विकृत, नष्ट या चोरी होने पर आप पुन मिल जाता है
विल विलेख को सादे कागज पर लिखित है विल विलेख बने के समय दो गवाह होने चाहिए , विल विलेख में किसी तरह का Stamp Duty आवश्कता नहीं होती है आप को रजिस्ट्रेशन फीस देना होता है सब रजिस्ट्रार के पास जा कर रजिस्ट्रेशन करना होता है आप को साथ में दो गवाह होना चाहिए वसीयत कर्त्ता को भी उपसथित होना होता है
Format Of Will Deed In Hindi :-
वसीयतनामा
यह वसीयतनामा………………… (तारीख ) को ग़ाज़ियाबाद उत्तर प्रदेश( स्थान ) में बनाई और निष्पादित नई दिल्ली की जाती है। मै XXXXXX(नाम लिखना है ) पुत्र श्री Xxxxxxxx आयु 75 वर्ष है , निवासी मकान संख्या XXXXXXX नजफगढ़ नई दिल्ली -110043 का हु, इस लेख पत्र को अपनी अंतिम वसीयत के रूप में अपने स्वस्थचित् एवं पूर्ण होश हवास में बिना किसी दबाव के लिखता हूं मैं काफी वृद्ध एवं अशक्त हो गया हूं तथा प्राय: बीमार रहता हूं मेरे जीवन का कोई भरोसा नहीं है जिसका सूर्यस्त कभी भी हो सकता है मेरे इस वृद्धावस्था उक्त दशा में मैं अपने बेटी के साथ निवास करता हूं जो पूरी निष्ठा से मेरी सेवा ,सुरक्षा कर रही है तथा समुचित देख – रेख इलाज की व्यवस्था कर रही है इस लेख पत्र को अपनी अंतिम वसीयत के रूप मेरी संपत्ति जिसका निष्पादन उक्त वसीयत द्वारा किया जा रहा है जिसका में एकमात्र स्वामी उसके निष्पादन का मुझे पूर्ण अधिकार है जीवन का कोई भरोसा नहीं है अतः मैं चाहता हूं कि मेरी मृत्यु के बाद मेरी उक्त संपत्ति के उत्तराधिकारी के बारे में किसी प्रकार का विवाद ना हो इसलिए मेरे जीवनकाल में ही वसीयत द्वारा संपत्ति का निष्पादन करता हूं मेरी जीवन काल में मेरी उक्त संपत्ति का मैं स्वयं मालिक काबीज रहूंगा किसी भी प्रकार से उपयोग व उपभोग कर सकता हूं मेरी मृत्यु के बाद उक्त संपत्ति के उत्तराधिकारी मालिक होंग
उत्तराधिकारी सम्पत्ति का विवरण |
XXXXXXXX XXXXXXXXXXXXX
XXXXXXXXXXXXXX (नाम लिखना जिसके नाम से वसीयत क्या है ) को इस संपत्तिxxxxxx की में सारे हित ,स्वत्व और अधिकार प्राप्त हो जाएंगे मेरे किसी उत्तराधिकारी को ऐतराज देने का कोई अधिकार नहीं रहेगा
अतएव उपरोक्त के साक्ष्य स्वरूप मैंने बिना किसी दबाब के तथा अपने पूर्ण होश हवाश में निम्नलिखित दो गवाहों के समक्ष हस्ताक्षर किये है
साक्ष्यगण :-
शीर्ष न्यायालय निर्णय – अशुतोष समंत (के) बनाम श्रीमती रंजन बाला दासी
पृष्ठभूमि:
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इस अपील में एक कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्णय का विरोध किया गया है, जिसमें भारतीय सफलता अधिनियम, 1925 के धारा 278 के तहत प्रशासन पत्र के लिए एक याचिका को मंजूरी दी गई थी।
गोसाइदास समंत के तीन पुत्र थे; उन्होंने अपनी संपत्ति को अपने पुत्रों और पोते के बीच विभाजित करने के लिए एक वसीयतनामा छोड़ दिया।
एक विभाजन समझौते और एक ‘नबादी’ नामक दस्तावेज़ ने संपत्ति वितरण में शामिल होने की प्रक्रिया में थी।
वर्तमान अपीलकर्ता ने भूमि के विभाजन और प्राप्ति के लिए एक मुकदमा दायर किया, लेकिन स्वामित्व का प्रमाण नहीं हुआ था।
विचारणीय यह है कि विचारपत्र पर विरोधी आश्वासनों की वजह से उत्तराधिकारी ने प्रशासन पत्र के प्राप्ति का आवेदन किया।
तर्क: 6. अपीलकर्ता का तर्क: न्यायालय विचारपत्र का आश्वासन करने के बिना आवाज देने की आवश्यकता है क्योंकि आश्वासन लिया गया है कि विचारपत्र सही ढंग से प्रकट किया गया था।
इस तरह से विचारपत्र पर सेक्शन 90 का उपयोग गलत तरीके से हो रहा है, साथ ही ‘नबादी’ का उपयोग भी विवादित है।
प्रतिवादी का तर्क: न्यायालयों ने संयुक्त तथ्यों की पुष्टि की है, जिस पर यह न्यायालय विवाद नहीं करना चाहिए। विचारपत्र को वास्तविक माना गया है।
विश्लेषण और परिणाम: 9. सेक्शन 90 का पूर्वानुमान विचारपत्र पर लागू नहीं होता; वे सेक्शन 63(c) के तहत सफलता अधिनियम, 1925 की धारा और सेक्शन 68 के तहत सबूत देने के लिए साबित करने के लिए होना चाहिए।
सेक्शन 69 और 71 ऐसे स्थितियों में विल्स को सबूत देने की अनुमति देते हैं जहां साक्षिगणों की मौत हो गई होती है; कुछ शर्तों को पूरा किया जाना चाहिए।
पूर्ववर्ती निर्णयों ने सेक्शन 69 के तहत गवाह साक्षियों की आवश्यकता को आराम से देखने का सुझाव दिया था।
इस मामले में, दोनों गवाह साक्षियां मृत थीं। वे परिवार के सदस्यों की विदेशीकरण के द्वारा विचारपत्र हस्ताक्षर करने के समय की मौजूदगी को साबित करते हैं।
विभाजन पत्र और मान्यता प्राप्त किया हुआ है, और विचारपत्र की मान्यता का समर्थन भी किया है।
सभी सबूतों को मिलाकर, विचारपत्र का प्रमाणण हुआ, और अपीलकर्ता की अपील असफल हो गई।
निष्कर्ष: 15. न्यायालय निर्णय में कोई समस्या नहीं है और अपील खारिज की जाती है।
तिथि: मार्च 14, 2023
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आशा करता हूँ की आप को मैंने सही जानकरी दिया है आप समझ गए होंगे विल डीड क्या है कैसे रजिस्ट्रेशन करते है आप को मेरा सुझव है की आप अपना विल डीड अधिवक्ता (Advocate ) से ही बनवाये और उसको रजिस्ट्रेशन कराये यदि कभी विल खो जाता या गुम हो जाता है या नष्ट हो जाता ऐसी स्थिति आप प्रमाणित(Certified) कॉपी निकलवा सकते है
FAQ
वसीयत की रजिस्ट्री कैसे होती है?
वसीयत की रजिस्ट्री करने के लिए आप को आपने एरिया के सब रजिस्ट्रार के पास के पास जाना होगा रजिस्ट्रार से ही डीड पंजितकृत करता है
वसीयत को कब रद्द किया जा सकता है ?
वसीयत को रद्द क्या जा सकता है कोर्ट के द्वारा इसको रद्द क्या जा सकता है
वसीयत कौन किसको और कब कर सकता है?
वसीयत किसी को भी क्या जा सकता है वसीयतकर्त्ता अपनी सम्पति की वसीयत अपने जीवन काल में अभी भी कर सकता है
Good enformation law in hindi
Good sir Jai Hindi
Hindi hamari matr bhasha aapki ye hindhi padkar bahut achha lga