सूचना का अधिकार आवेदन पत्र का प्रारूप -RTI ACT 2005

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सरकारी दफ्तरों में बार-बार जा कर थक गए हैं? कोई जवाब नहीं मिल रहा? अब RTI डाल कर अपनी जानकारी खुद हासिल करें।

आज के समय में जब सरकारी कामों में देर होती है, तो हमें चुप बैठने की ज़रूरत नहीं है। सूचना का अधिकार आवेदन पत्र का प्रारूप –RTI ACT 2005 हमें ये हक देता है कि हम किसी भी सरकारी विभाग से जानकारी मांग कर उसका जवाब पा सकें।

इस लेख में हम जानेंगे कि RTI कैसे लिखें, कहाँ जमा करें, क्या जानकारी मांगी जा सकती है, और RTI डाल कर कैसे जवाब मंगवाया जा सकता है।

RTI क्या है? (सूचना का अधिकार आवेदन पत्र का प्रारूप -RTI ACT 2005)

आरटीआई का मतलब होता है – राइट टू इंफॉर्मेशन यानी जानकारी पाने का हक। RTI यानी Right to Information – ये कानून भारत सरकार ने 2005 में लागू किया था।
इस कानून के तहत कोई भी भारतीय नागरिक सरकार से सवाल पूछ सकता है।वह सरकारी दफ्तरों में चल रहे कामों के बारे में जानकारी मांग सकता है।इससे सरकारी तंत्र में चल रहे भ्रष्टाचार को रोकने में मदद मिलती है।यह एक ऐसा तरीका है जिससे सरकार को पारदर्शी बनाया जा सकता इसका मकसद था भ्रष्टाचार को कम करना।इसे सूचना का अधिकार अधिनियम कहा जाता है।आरटीआई के ज़रिए आप जान सकते हैं कि किसी सरकारी योजना में कितना पैसा आया।आप यह भी पूछ सकते हैं कि उस पैसे का इस्तेमाल कहाँ हुआ।राशन की दुकानों का हिसाब भी आप मांग सकते हैं।जैसे – कितना राशन आया, कितना बांटा गया, सड़क बनाने में कितना खर्च हुआ? सड़क बनाने में कितना खर्च हुआ?सरकार की क्या योजना है किन योगजा का लाभ कैसे ले सकते है आरटीआई हर आम नागरिक का हक होता है।इससे जनता सरकार से जवाब मांग सकती है।और गलत कामों को रोक सकती है।

RTI एप्लिकेशन क्यों डालना चाहिए?

यदि आप को सरकारी विभाग से कोई भी काम काज पूछना आरटीआई के माध्यम से पूछ सकते है यदि किसी को लग रहा है की कोई अधिकारी गलत काम कर रहा है  जो योजना सभी लोगो को मिलनी चाहिये थी, परंतु  कुछ लोगो  को उसका लाभ मिली यदि  आप  को लगता  है की  कही गलत हुआ है तो आप विभाग मे जानकारी लेने के लिए RTI लगा सकते है गलत काम को रोक सकते हो ।  

RTI एप्लिकेशन कैसे लिखें? (सरल भाषा में)

आरटीआई  के माध्यम से सूचना माग सकते है उसके के लिए किसी भी सफेद कागज का प्रयोग कर सकते है  हाथो से या ट्यपिंग कर सकते है  सूचना देने के लिए   जन सूचना अधिकारी  होते है  उनको आप एड्रैस कर सकते है  जब आप RTI लिख कर जमा करते हैं, तो आपकी बात सीधी उस विभाग तक पहुंचती है। नीचे एक आसान RTI फॉर्मेट दिया गया है जिसे आप अपने नाम और विषय से भर सकते हैं।

RTI एप्लिकेशन फॉर्म हिंदी में (उदाहरण)

सेवा में, 

जन सूचना अधिकारी, 

[विभाग का नाम], 

[कार्यालय का पता] 

विषय: सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत सूचना प्राप्त करने हेतु आवेदन

महोदय,

मैं [आपका नाम], निवासी [पूरा पता] हूं। कृपया मुझे निम्न जानकारी उपलब्ध कराई जाए:

1. मेरी फाइल संख्या [xxxxxx] की वर्तमान स्थिति क्या है? 

2. संबंधित अधिकारी का नाम और पद क्या है? 

3. मेरे कार्य में देरी का कारण बताएं।

मैं ₹10 की RTI फीस पोस्टल ऑर्डर के रूप में संलग्न कर रहा/रही हूं। कृपया जानकारी मेरे पते पर भेज दी जाए।

धन्यवाद, 

[आपका नाम] 

[हस्ताक्षर] 

[दिनांक]

यहाँ ग्राम प्रधान के खिलाफ RTI आवेदन का एक सामान्य प्रारूप (Format) दिया गया है, जिसे आप अपनी जानकारी के अनुसार भरकर संबंधित प्राधिकरण को भेज सकते हैं:

(RTI Application Format – ग्राम प्रधान के खिलाफ)

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत आवेदन पत्र
(RTI Application Format – ग्राम प्रधान के खिलाफ)

सेवा में,
लोक सूचना अधिकारी,
_________________________ (संबंधित विभाग/ब्लॉक का नाम)
_________________________ (पता)

विषय: ग्राम प्रधान द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी हेतु आरटीआई आवेदन

महोदय/महोदया,

मैं निम्नलिखित जानकारी सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत प्राप्त करना चाहता/चाहती हूँ:

  1. ग्राम पंचायत ___________ (गाँव का नाम), तहसील ___________, जिला ___________ के ग्राम प्रधान द्वारा वर्ष _______ से _______ तक किए गए विकास कार्यों की सूची।
  2. उपरोक्त अवधि में ग्राम पंचायत को प्राप्त सभी सरकारी फंड (मनरेगा, आवास योजना, शौचालय योजना, आदि) का विवरण।
  3. इन योजनाओं के अंतर्गत किए गए भुगतान की प्रतियां और लाभार्थियों की सूची।
  4. ग्राम पंचायत की मासिक/त्रैमासिक बैठकों की मीटिंग रजिस्टर की कॉपी।
  5. यदि कोई सामाजिक अंकेक्षण (Social Audit) हुआ हो तो उसकी रिपोर्ट की प्रति।

नाम: ________________________
पता: ________________________
मोबाइल नंबर: _______________
ईमेल (यदि हो): ______________
दिनांक: ___ / ___ / 20__
हस्ताक्षर: ___________________

संलग्न:

  1. ₹10/- का पोस्टल ऑर्डर/डिमांड ड्राफ्ट (या BPL कार्ड की कॉपी, यदि आप बीपीएल श्रेणी में हैं)।
  2. पहचान पत्र की प्रति (यदि आवश्यक हो)

नोट:

  • इस आवेदन को A4 पेपर पर प्रिंट करें।
  • संबंधित ब्लॉक/जिला पंचायत कार्यालय या जनपद कार्यालय के लोक सूचना अधिकारी (PIO) को संबोधित करें।
  • Speed Post के माध्यम से भेजें और उसकी रसीद संभाल कर रखें।
RTI डाल कर किन-किन बातों की जानकारी ली जा सकती है?

RTI के ज़रिए आप ये सब जान सकते हैं:

  • सरकारी फंड कहाँ खर्च हुआ
  • किसी योजना में आपका नाम क्यों नहीं जुड़ा
  • किसी सरकारी ठेके का विवरण
  • टीचरों की पोस्टिंग की जानकारी

RTI डाल कर आप पारदर्शिता पा सकते हैं

RTI ऑनलाइन कैसे करें?

अगर आप चाहें तो RTI ऑनलाइन भी डाल सकते हैं। इसके लिए:

  1. rtionline.gov.in वेबसाइट पर जाएं
  2. विभाग चुन कर फॉर्म भरें
  3. सवाल लिख कर ₹10 की फीस ऑनलाइन जमा करें
  4. सबमिट कर के acknowledgment नंबर सेव करें

ऑनलाइन RTI डाल कर आप घर बैठे ही जानकारी हासिल कर सकते हैं।

क्या आरटीआई एक्ट  के नियम 2025

RTI ACT केवल सरकारी विभाग मे लागू होता है
आरटीआई के तहत भारत का नागरिक किसी भी सरकारी संस्था से जानकारी मांग सकता है।

आवेदन में सटीक विभाग का नाम और ₹10 शुल्क देना होता है (बीपीएल  कार्ड धारक  को छूट)। उत्तर 30 दिनों में मिलता है, जरूरी दस्तावेज होने पर 48 घंटे में भी। अस्पष्ट या अधूरी जानकारी पर आवेदन रद्द हो सकता है।

RTI का जवाब नहीं मिला तो क्या करें?

RTI डाल कर यदि 30 दिनों तक कोई जवाब नहीं मिलता, तो आप First Appeal डाल सकते हैं। इसके बाद भी जवाब नहीं आया तो आप Second Appeal सूचना आयोग में कर सकते हैं।

इस तरह RTI डाल कर आप पूरा कानूनी प्रोसेस इस्तेमाल कर सकते हैं।

RTI से जुड़े कुछ काम की बातें
  • RTI लिख कर साफ-साफ जानकारी मांगें, लंबा लेख ना बनाएं
  • अपनी बात को सीधा, स्पष्ट और सम्मानजनक भाषा में रखें
  • अगर जवाब गुमराह करने वाला है तो आप शिकायत दर्ज कर सकते हैं
  • RTI डाल कर आप किसी भी सरकारी कार्यालय से जानकारी मांग सकते हैं – चाहे वो केंद्र सरकार हो या राज्य सरकार

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Adv Vikas Shukla

Vikas Shukla is a lawyer and writer of blog. He writes on various law topics like crime, civil, recovery and family matters. He is a graduate in law who deals and practices with criminal matters, civil matters, recovery matters, and family disputes. He has been practicing for more than 5 above years and has cases from all over India. He is honest and hardworking in his field. He helps people by solving their legal problems. His blog provide valuable insights about law topics which are helpful for people.

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